कर्मा

सुनने में बड़ा ही साधारण सा लगता है ना कि 'कर्म 'परयह भी सत्य है कि इस दुनिया में कौन क्या बनकर रहजाएगा, यह उसके कर्म निर्धारित करते हैं। इस संसारमें हर कोई आता है और चला भी जाता है बस पीछे रह जाती है तो उनकी यादें, पर वह यादें कैसी है, लोग उन्हें किस तरह याद करते हैं, वह बुरे इंसान थे या अच्छे इंसान थे, यह तय करते हैं उनके कर्म। जाने के बाद चर्चा सबकी होती है कोई ऐसा नहीं जो बगैर चर्चा के हो पर कहते हैं ना कि कुछ बातें ऐसी होती है जिनको