भारत की रचना - 12

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भारत की रचना / धारावाहिकबारहवां भाग         फिर रचना चुपचाप जाकर अपनी कक्षा में बैठ गई. ज्योति भी अभी तक भीं आई था. वैसे वह ज्योति की आदत जानती थी. अवश्य ही वह कहीं बातों में व्यस्त हो चुकी होगी. उसके साथ की अन्य लड़कियां भी अभी तक कक्षा में नहीं आ सकी थीं. रचना का मन अब यूँ भी कॉलेज में उचाट होने लगा था. कॉलेज में रहने का उसे कोई बहाना भी नज़र नहीं आता था. भारत की प्रतीक्षा और उसकी चाहत में बिछी हुई रचना की आँखें केवल स्मृतियों के सहारे किसी आस पर रोज़ ही प्रतीक्षा करती