जिंदगी के पन्ने - 5

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रागिनी अब चार साल की होने वाली थी, और घर में सभी बहुत उत्साहित थे क्योंकि अब वह स्कूल जाने के काबिल हो गई थी। उसकी मम्मी और पापा ने काफी दिनों से उसके स्कूल में दाखिला करवाने की तैयारियां शुरू कर दी थीं। नए स्कूल बैग से लेकर यूनिफॉर्म तक, सब कुछ बड़े प्यार से चुना गया था। रागिनी खुद भी इस सब के लिए बेहद उत्साहित थी। स्कूल जाने का ख्याल ही उसे खुशी से भर देता था, और उसे अपनी यूनिफॉर्म, किताबें और स्टेशनरी बहुत पसंद आईं। आखिरकार वह दिन आ ही गया जब रागिनी का स्कूल