नौ माह के संस्कारों पर निर्भर शिशु के जीवन की रचनानौ माह में माँ जितना आनंदमय जीवन जीती है उसी प्रमाण में शिशु को उसके जीवन में आनंद प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए अगर नौ माह में माँ ने केवल 7 महीने आनंद में बिताये हो, और मान लो यह शिशु बड़ा होकर 90 वर्ष तक जीवन जिए, तो उसके जीवन का 70 वर्ष का जीवन वह आनंदमय बितायेगा। इस तरह माँ नौ माह में जितना सकारात्मक जीवन जीती है, उतना ही सकारात्मक जीवन शिशु का गर्भ में निश्चित हो जाता है। अब इसे हम और अच्छे ढंग से