तुम्हारा एहसास

तुझे पाकर मुझे सुकून सा मिला तेरे से बात करके अपना पन सा लगा तुम कुछ भी नहीं फिर भी बहुत खास हो यह समझने और समझाने के लिए मेरे पास बहुत कम वक़्त हैँ इन कुछ दिनों से तुम दिल के वह कोने में हो जहां मैं खुद  तुम्हें निकाल नहीं सकती याद है मुझे वह तुम्हारे बड़े प्यार से मेरा हाथ छूना वह तुम्हारी बातें उफ्फफ्फ्फ़...... क्यों इतने पास आ गएक्यों मैं तुम्हारे इतने करीब आ गई यह अक्सर खुद से सवाल कर बैठती हूं मेरे हर बात बिन बोले समझ जाना कैसे कर लेते हो तुम??? वक़्त नहीं है फिर भी