शैतान का कुचक्र - 2

अभिमन्यु फस तो गया शैतानों के चक्रव्यूह में परंतु निकालना उसे आया नहीं । धीरे-धीरे मानव भी अभिमन्यु के समान विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी के चक्रव्यूह में फस तो गया । अब वह निकल ने का प्रयास कर रहा है। उन्नति की इस यात्रा में वह यह भूल गया कि वह मकड जाल में फंस रहा है। वह यह भी भूल गया कि इस उन्नति की चका चोंध में प्रवेश करना आसान है परन्तु निकल ने की कीमत खून के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से चुकानी पड़ती है।  कैसा डरावना संसार है?विषय वचारणीय है कि अभिमन्चु चक्रव्यूह में प्रवेश तो कर गया परंतु