THE JANEDWAAS EXPRESS

जनेंद्रवास एक्सप्रेस: एक रहस्यमयी सफरसर्दियों की हल्की ठंड और घने कोहरे के बीच जनेंद्रवास स्टेशन अपनी रोज़मर्रा की धीमी गति से चल रहा था। स्टेशन के चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था, जैसे कोई अनजाना रहस्य यहाँ की दीवारों में छिपा हो। स्टेशन के नाम से ही अजीब सी रहस्यमयी हवा महसूस होती थी—"जनेंद्रवास"। यहां की पुरानी इमारतें और धुंध में खोए प्लेटफार्म इस बात का इशारा करते थे कि इस जगह के अतीत में कुछ ऐसा है जिसे कोई नहीं जानता।प्लेटफार्म पर दो दोस्त, दीपक और बल्लू, जनेंद्रवास एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे। बल्लू एक चंचल स्वभाव की