शाम के वक्त था अंधेरा होने में समय था और बारिश बहुत तेज हो रही थी बिजलियां जोरों से कड़क कर दंबगाई दिखा रहा था ,अधीरा एक बड़े से खिड़की से बाहर का नजारा देखकर बहुत आनंनदीद थी , अधीरा के पीछे से लड़का-लड़कियों कि बात करने कि आवाज आ रही है , अधीरा के पूरे शरीर में एक रोमांचक स्फूर्ति होने लगी थी खिड़की से आती ठंडी हवा और बारिश के फुहारे से वो भीग रही थी इसलिए उसे ठंड लगने का एहसास हुआ ..."तभी गर्म हाथों ने अधीरा के पेट पर लपेटकर कोई पहाड़ जैसा शख्स उसके पीछे