एक महीने बाद _____________अरुण मित्तल को छोड़ कर सभी घरवाले बात करते हुए चाय की चुस्की ले रहे होते हैं उसी बीच अरुण मित्तल आते हैं उनको देखकर सब हैरान थे ....आज पूरे छः महीने बाद अरुण मित्तल जी अपने दोनों पैरों पर खड़े थे और अपने कमड़े से यहां तक वो चल कर आए थे । " सांवरी " अपने आंखे बड़े कर के मितल साहब को देख रही थी , फिर ये कोई सपना तो नहीं देख रही मैं आप सच में अपने पैरों पर खड़े है जी । ये कोई चमत्कार हुआ है आंटी जी जो अंकल