मोमल : डायरी की गहराई - 15

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आज सुबह की धूप आग की तरह बिखर कर दिल जला रही थी। चिड़ियों की आवाज़ जैसे मातम मनाने लगी थी। अब्राहम को कुछ भी नही सूझ रहा था के उसे अब क्या करना चाहिए बस सर झुका कर रोता रहा। उसका मोबाइल बहुत देर से बज रहा था लेकिन उसे कहां फोन उठाने का होश था। मोमल कॉलेज में उसे ना पा कर कॉल पर कॉल कर रही थी लेकिन उसका दिल तब कांप उठा जब अब्राहम ने एक भी कॉल का जवाब नही दिया। घबराई हुई सी अंकल हैरी के पास आई और बोलने लगी :" अंकल देखिए ना अभी