प्रकरण - ५८जैसे ही मैंने फातिमा के कदमों की आहट सुनी, मैंने फातिमा को अपने पास बुलाया और कहा, "फातिमा! आज मैं तुमसे अपने दिल की बात कहना चाहता हूं।"मैंने मन बना लिया था कि आज मैं फातिमा को अपने दिल की बात बता ही दूँगा। जैसे की मैंने अपनी मम्मी से वादा किया था मैं अपने ऑपरेशन के दिन फातिमा के प्यार का स्वीकार करूंगा। लेकिन आज, जब मेरा ऑपरेशन सिर्फ दो दिन ही दूर था तभी मैंने फैसला कर लिया था कि आज मैं फातिमा से अपने प्यार का इज़हार करूंगा।यह सुनकर फातिमा तुरंत बोली, "कहो रोशन तुम