साथिया - 136

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जज ने गहरी सांस ली और सामने देखाहमारे आसपास महिलाओं पर अत्याचार होने की घटनाएं कोई  नई नही है। कभी दहेज हत्या तो कभी बाल विवाह, कभी बलात्कार तो कभी छेड़खानी, कभी शारीरिक और मानसिक  आघात तो कभी कुछ। पर इस तरीके का प्रकरण आज मेरी अदालत में पहली बार आया है और सच बताऊं तो मेरी अंतरआत्मा को  झीजोड़ दिया है। इस अमानवीय कृत्य की  यह अदालत घोर निंदा करती है। और रही बात सजा की तो जो इन लोगों ने किया है उसके हिसाब से कोई भी सजा दी जाए वह कम ही होगी। भावना और अवतार सिंह को यह