" भगवान सांझ की आत्मा को शांति दे।" जज साहब बोले। " जज साहब भगवान की कृपा से सांझ जिंदा है। अक्षत ने जैसे ही कहा निशांत गजेंद्र अवतार और भावना के साथ-साथ बाकी गुनहगारों के चेहरे पर भी एकदम से डर और अजीब से भाव आ गए"हां जज साहब मैं बिल्कुल सही कह रहा हूं। उस रोज जब सांझ उस नदी में कुंदी थी तब उसे बचा लिया गया था। वही कहते हैं ना जब गुनहगारों को सजा मिलनी होती है तो ईश्वर भी चमत्कार कर देते हैं। उतने बड़े हादसे के बाद भी सांझ जीवित है जज साहब और