साथिया - 134

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"अब कैसी तबीयत है सांझ  की?" साधना ने कहा। "ठीक है मम्मी..!!" अक्षत ने जबाब दिया। "कल मैं और तुम्हारे पापा भी चल रहे हैं अदालत में..।। कल फाइनल ईयर रिंग होनी है ना  शालु  बता रही थी।" साधना ने उन दोनों के हाथ में उनके चाय का कप पकड़ाया और नाश्ता टेबल पर रखते हुए कहा। " हाँ मम्मी..!! कल है फाइनल  हियरिंग है। कल सारा निर्णय हो जाएगा और उन लोगों को सजा भी मिल जाएगी।" अक्षत ने कठोरता से कहा। "उन्हें सजा मिलनी ही  चाहिए और ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि कोई कभी दोबारा इस तरह की हरकत ना करें।" साधना