मनु ने सांझ को ले जाकर अक्षत के कमरे में बेड पर बिठाया और उसका घूंघट नीचे कर दिया तो सांझ ने मनु की तरफ देखा। "आंटी ने कहा है कि इसी तरीके से बैठना और जब अक्षत आएगा तब वही घूंघट खोलेगा।" मनु बोली। " मां ने ऐसा कहा..??" सांझ बोली। मनु मुस्करा दी।" अरे मैने कहा है..!! इतना घबरा क्यों रही हो?" मनु ने सांझ के चेहरे पर आते भाव देखकर कहा तो सांझ ने नजर झुका ली। मनु ने उसका हाथ अपनी हथेलियां में थाम लिया और हल्के से थपका। " तुम और अक्षत तो सालों से एक दूसरे को जानते हो।