साथिया - 109

" तुमसे पहले भी कहा है माही आज फिर से कह रहा हूं  बेहद  मोहब्बत करता हूं तुम्हें...!! बहुत चाहता हूं। और हमारा प्यार सिर्फ  चेहरे तक  या सिर्फ शरीर तक सीमित नहीं है। हम दोनों के एहसास दिलों से जुड़े हुए हैं।" अक्षत ने उसके  चेहरे  के पास झुककर  धीमे से कहा। "जी जज साहब।" माही की हल्की सी आवाज  निकली। " रही बात इन निशानों की तो वक्त के साथ सब ठीक हो जायेंगे..!! और और दूसरी बात मैं सब देख चुका हूँ सब  जान चुका हूँ। उस दिन शालू के साथ हॉस्पिटल गया था न  तो डॉक्टर ने सब