साथिया - 108

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" प्लीज  इशू  खत्म करो ना..!! किसी की गलती नहीं थी। बस हालत गलत हो गए और उन्ही हालातों  के बीच फंसकर में मजबूर हो गई। प्लीज तुम तो कम से कम मुझे समझने की कोशिश करो  कोई समझे ना समझे..!!" शालू ने रोते हुए कहा तो  ईशान ने पलट कर उसे अपने सीने से लगा लिया। "ओके बाबा समझ रहा हूं..!! सब समझ रहा हूं और  अब कोई  नाराजगी नही। नाराजगी तो कल ही खत्म हो गई थी जब माही  भाभी  ने लाकर यह फाइल दी थी मुझे। मैं तो  बस सिर्फ तुम्हें परेशान कर रहा था, बाकी और कुछ