साथिया - 107

" अक्षत ने कुछ ड्रेस सिलेक्ट कर माही को दी तो माही चेन्जिंग रूम मे जाकर ड्रेस पहन के देखने लगी।उसने सिर्फ वही ड्रेस ट्राई किये जोकि पुरे पैक थे। जिनके न ही नेक डीप थे न ही फ्रंट और न ही जो पीठ से या कमर से ओपन  थे।" सब अच्छे है माही..! ये ड्रेसेस क्यों नही ट्राई किये..? ये भी तुम पर प्यारे लगेंगे..!!" " नही जज साहब..!! बस इतना काफी है" माही ने कहा  तो अक्षत मुस्कराया और उन ड्रेस के मैचिंग जूलरी उसे  दिलाई और फिर घर वापस निकल गया।" तुम टेंशन मत लो शालू और  ईशान