बेखबर इश्क! - भाग 9

  • 1.1k
  • 636

कनिषा से दूर जाते हुए संस्कार ने अपने दोनो हाथो को जेब में भरा और कंधे को उचका लिया,उसके होंठो पर कुटिलता भरी मुस्कान थी,और अगले ही पल वो खुद में ही बड़बड़ाया....."क्या मजबूरी थी की तुमने इशांक जैसे इंसान से शादी की,अब इशांक से अपना बदला पूरा करने के लिए मुझे एक खूबसूरत लड़की को इस्तमाल में लाना होगा,आह्ह्ह्हह....(अपने सीने पर हाथ रख)ये दुनिया जालिम है!!".....इतना कह वो मुस्कुराया और अपने फोन को निकाल कर,,एक फोटो को देखने लगा,जिसमे कनीषा ईशांक के गार्डेन में पेड़ के नीचे आंखे बंद कर सोई थी,स्क्रीन पर उसने अपनी उंगली स्वाइप की तो