दिल्ली के भीड़-भाड़ वाले जीवन में आशीष एक साधारण सी ज़िन्दगी जीता था। काम का बोझ, दिन-रात की भागदौड़, और चार्टर्ड अकाउंटेंट होने की ज़िम्मेदारियाँ उसे शायद ही कभी सांस लेने का वक्त देती थीं। आशीष एक प्रसिद्ध CA फर्म में काम करता था और उसके क्लाइंट्स में बड़े-बड़े नाम शामिल थे। मगर इस बार उसे एक नए क्लाइंट के ऑडिट के लिए भेजा गया, देहरादून के एक प्राइवेट अस्पताल में। देहरादून—दिल्ली से एकदम अलग। पहाड़ों की ठंडी हवाएं, शांत वातावरण, और शहर की आपाधापी से दूर। आशीष को ऑडिट के काम से कोई खास लगाव न