शिविका दिमाग में एक बात आई तो वो संयम को देखने लगी । दरवाजा खुल और बंद हो रहा था मतलब संयम इतनी देर से सब कुछ देख रहा था और दरवाजे को खोल भी रहा था । तो उसने अब तक कुछ किया क्यों नहीं !!! । सोचते हुए शिविका उसे बुरी तरह से घूरने लगी ।क्या संयम जान बूझ कर ये सब होने दे रहा था । क्योंकि अगर वो चाहता तो रोक सकता था । " आप जान बूझ कर ये सब होने दे रहे थे । ?? " शिविका ने पूछा तो संयम ने तिरछा मुस्कुरा