हमसफ़र बना लो..

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उस सकरी सी जगह में सोहा और सोकेश एक साथ घुसे। इतने झटके से घुसे कि उनका सिर टकरा गया। सोहा की अब तक की सारी उलझनें, सारा गुस्सा सोकेश पर फूट पड़ा।"कहां से आ जाते हैं आप लोग। ठीक से चलना भी नहीं आता।""आपके ही शहर से हूं... और हां, आप तो एक्सपर्ट वॉकर लगती हैं।" सुरेश की आवाज में व्यंग्य था, लेकिन वह मुस्कुरा रहा था।उसकी मुस्कान देखकर सोहा का गुस्सा कुछ कम पड़ गया। कुछ अलग सा आकर्षण, कुछ अलग सी बात थी उसके अंदाज में। यह फूलों की छोटी सी शॉप थी और दोनों ही अपने