मोमल : डायरी की गहराई - 6

  • 1.3k
  • 564

दोपहर हो चला था। सर्द मौसम में चिलचिलाती धूप मन में आलस का अनुभव देता है। अब्राहम आंखे बंद कर के सोफे पर सर टिकाए हुए चिंता में डूबा हुआ था। उसके कमरे में मोमल लेटी हुई थी और सीमा उसके पास बैठ कर मोबाइल में पीडीएफ फ़ाइल पढ़ रही थी। एक सन्नाटा था । लेकिन अब्राहम और मोमल दोनो के मन में बहुत सी बातें चल रही थी। मोमल अब्राहम के लिए चिंता कर रही थी की उन्हे चोट लगी है और घर में भूत है अकेले न जाने कैसे रहेंगे! कहीं कुछ बुरा न हो जाए उनके साथ। अंकल