"थोड़ा कमज़ोर लग रहा था लेकिन आवाज़ में वो ही खनक थी। लेकिन, एक बात कितनी अजीब है कि हम दोनों ही कॉलेज के ज़माने में ही एक दूसरे को पसंद करते थे लेकिन, न कभी उसने अपने प्यार का इज़हार किया न ही कभी मैंने""अच्छा ही हुआ न। अगर पता चल जाता तो तुम मेरी पत्नी कैसे बनतीं?"कहने को तो दीपकान्त ने शरारत से नेहा की आंखों में झांक कर कह दिया लेकिन थे तो वो पुरुष ही और पति भी थे। मन का एक कोना फ़िलहाल यही सोच सोच कर संदिग्ध था कि, राशि ने खुद को एक