प्रकरण - ३०रोशन बोला, "ममतादेवीने फातिमा से अपने प्यार का इजहार करने को तो कहा लेकिन अब तक फातिमा खुद ही नहीं समझ पा रही थी कि क्या ये सच में प्यार है या सिर्फ दोस्ती? प्यार की कीमत तो तभी होती है जब आपका प्रिय पात्र आपके साथ न हो और फिर भी आप उसकी यादों में जीते हैं। उस दिन आगे चलकर मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही होनेवाला था।"मेरा पूरा विदाई समारोह ख़त्म होने के बाद फातिमा मेरे पास आई। मैं तुरंत ही उसके कदम की आवाज़ को पहचान गया। विद्यालय में अपने इन दो वर्षो के