रात के दो बज रहे है, एक पहर अभी बीत चुका है और मैं अभी जाग रहा हूं। तुम्हारे जाने के बाद अब मैं काफी देर तक जगा रहता हूं, मानो ऐसा लगता है जैसे जाते जाते तुम मेरी नींद चुरा ले गयी हो। लेकिन मुझे इस बात से किसी भी तरह की कोई नाराजगी या शिकायत नहीं है तुमसे, क्योंकि मुझे अब अच्छा लगता है देर तक जागना। रात को सुबह होते देखना, चांद और तारो को धीरे-धीरे छुपता देखना, फैले सन्नाटों को मेहसूस करना अच्छा लगता है, अब मुझे। लेकिन छोड़ो हम इससे आगे बढ़ते है तो फाल्गुन