मानसून वाली भीगी भीगी इच्छाओं का मनोविज्ञानरामलाल को रेग्रेशन मे जाने कि इच्छा थी यानी कि उस समय मे अवचेतन रूप से जाना जब वो कम से कमतर उम्र का था और भावनाओं का सिर्फ उफान ही होता था, कुछ किसी से कह पाने की हालत नही थी। वो भावनाएं भी ऐसी कि बोल न पाओ, दिखा न पाओ, बस अंदर ही अंदर घुटते रहो। रामलाल को अपने बचपन और किशोरावस्था की यादें बहुत सताती थीं। वह अक्सर सोचता था कि काश वह उन दिनों में वापस जा सकता, जब उसकी उम्र कम थी और भावनाओं का सैलाब