डायरेक्टर सर के जाने के बाद मुझे एक और धक्का सा लगा जब मैं ने उसी औरत को आते देखा। इस समय वह औरत उनके दस कदम दूरी पर चल रही थी। उसे तो वर्षा देख नहीं सकती थी इस लिए वो डायरेक्टर सर के चले जाने के बाद चैन की सांस ले रही थी। लेकिन मैं सफेद साड़ी वाली औरत को देख सकती थी। उसी तरह नज़रे तीर की तरह डायरेक्टर सर पर गड़ाए हुए चल रही थी। जब वो मेरे करीब से गुजरी तो मुझे उसके गुजरने का आभास नहीं हुआ। मैं ऐसा जाता रही थी के मैं