अब आगे,रूही के पिता अमर उस से पूछ रहे होते है कि उस ने अपना एग्जामिनेशन फॉर्म भर लिया मगर रूही तो अपने ही ख्यालो में कही गुम होती हैं कि वो अपना साल बर्बाद होने से केसे बचाए..! अब जब रूही के पिता अमर को लगता है कि उन की सगी बेटी रूही उनकी बात सुन कर अनसुना कर रही है तो वो अब थोड़ी तेज आवाज में रूही का नाम पुकारते हैं जिसे सुन रूही एक दम से अपनी बेंच पर से खड़ी हो जाती हैं वही उस कॉलेज के गार्डन में बैठे हुए स्टूडेंट्स अब रूही और उस