चार दिन हो चुके थे, पर काव्या को अभी होश नही आया था। डॉक्टर्स भी समझ नही पा रहे थे। रात को आज आकाश अकेला ही उसके साथ रुका था। श्रेया और जय काव्या को विजिट करने के लिए उसके वॉर्ड के पास आ रहे थे। दरवाजे के बाहर तक अंदर से बहुत सुरीली आवाज आ रही थी। अंदर कोई गाना गा रहा था। जय ने दरवाजा खोला तो आकाश अपना गिटार बजाते हुए गाना गुनगुना रहा था। उसे पता ही नही चला था की कोई रूम में आया है। जय उसे रोकने वाला था की श्रेया ने उसे रोकते