प्रकरण - १७मेरी कक्षाएँ ख़त्म होने के बाद रईश मुझे लेने आया और हम दोनों घर चले गए। मुझे लगा कि जब मैंने रईश को फातिमा से मिलवाया उसके बाद रईश बहुत शांत सा हो गया था। स्कूल से घर तक के सफर के दौरान मैंने एक-दो बार उससे इस बारे में पूछने की कोशिश भी की, लेकिन वह पूरे रास्ते चुप ही रहा। मैंने बार बार उसके मन की बात जानने की कोशिश की लेकिन वह कुछ भी नहीं बोल रहा था। ऐसा लग रहा था मानो उसे किसी बात का सदमा लग गया हो! बाद में मैंने सोचा