हैवानियत - 2

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और वही tina ko aab हल्का हल्का होश आने लगा था,,,,,लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी ,,,,,कि वह बेड पर बैठ भी सके,,,,जिससे वह खुद को चादर से लपेट,,,,,सिधा लेती थी,,,,उसके चेहरे पर मिले-जुले भाव थे,,,,,एक खुशी की,,,,की अब वह विराज की पूरी तरह हो चुकी है ,,,,और एक टेंशन की क्यों कल रात विराज उसके साथ ,,ऐसे पेश आया हुआ,,,,,या सब सोच रही थी ,,,,,,कि तभी से एहसास होता है ,,,,किसके कमरे का दरवाजा खुल रहा है ,,,,जिसे एहसास कर टीना आपनी नजरें दरवाजे की तरफ करती है ,,,,,तो किसी अनजान इंसान को,,,,कमरे का दरवाजा बंद करता देख,,,,टीना