5: मूलाधार चक्र – चक्र व्यवस्था का आधारस्तंभ किसी भी प्रकार की साधना जाने-अनजाने में हो रही चक्रयात्रा ही है। तो चले इस यात्रा पर ... आरंभ करते हैं मूलाधार चक्र से। चक्रयात्रा का प्रथम चरण है, मूलाधार चक्र। वैकल्पिक नाम, शरीर में स्थान, रंग, तत्त्व, बीजमंत्र सबसे नीचे, नींव का चक्र है 'मूलाधार चक्र'। इसे Root Chakra या Base Chakra भी कहा जाता है। स्थूल शरीर में जहाँ दो पैर जुडते हैं उस भाग को, गुदाद्वार एवं जननेन्द्रिय के बीच स्थित भाग (जिस स्थान से भीम ने जरासंघ के दो टुकड़े किए थे वह हिस्सा, जिसे सीवनी, अँग्रेजी