दो बूँद आँसू - भाग 4 (अंतिम भाग)

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भाग -4 क्या उन्हें यह बताऊँगी कि शौहर ने अपनी जिन कमज़र्फ़ औलादों को मज़हबी तालीम देने के लिए, अपने जिस सबसे क़रीबी हाफ़िज़ को लगाया था, उसकी पहले दिन से ही मुझ पर ग़लत नज़र थी। मुक़द्दर ने भी उसी का साथ दिया और दूसरे महीने में ही शौहर किसी लड़की को बेचने के इल्ज़ाम में जेल चले गए।  वह उन्हें छुड़ाने का झाँसा देकर मेरी अस्मत लूटने लगा। कुछ महीने बाद वह ज़मानत पर छूट कर आ गए, लेकिन उसके बाद भी अस्मत लूटते हुए मेरी जो बहुत सी वीडियो बना ली थी, मुझे वही दिखा-दिखा कर डराता