इश्क तो होना ही था - 9

अगस्त्य : मेरे साथ जाने के बाद पता नहीं कौन सा तूफान लायेगी ये लड़की । पर कोई न..... मैं भी इस तूफान को झेल लूंगा bed पर लेट कर सोच रहा था । हमारी दोस्ती आरोही के साथ हो जाए बस ।।।। लेकिन अगर उसने जाने से माना कर दिया तो सोचते हुए बड़बड़ाया और उठ कर बैठ गया। फिर भगवान को याद करते हुए , ऊपर की ओर देखते हुए अपनी आंखे बंद कर लेता है " कुछ ऐसा चमत्कार करना भगवान जी जिससे आरोही मेरे साथ पटना जाने को तैयार हो जाए । " फिर वापस बेड