अनदेखा रहस्य - भाग 3

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अब सादी में सिर्फ एक ही रात बाकी थी।लेकिन पता नही क्यू जानकी खुश थी या फ़िर उसकी मन में अजीब सी गभराहट हो रही थी। लेकिन वो बात को इग्नोर करने लगी।धीरे धीरे पूरा दिन गुजर गया। रात का संध्या का समय हो गया फिर वही अंधेरी रात, पूरे गांव में अंधकार, एक सिर्फ पेड़ के पते की आवाज आ रही थी, जिसे सुनते ही मन में डर सा लगने लगता है। संध्या का समय होते ही लोगो में पता नही डर सा दिखने लगा। सब अपने अपने घर जल्दी से जाने लगे। और जानकी का परिवार भी खाना