बेपनाह मोहब्बत - 4

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अब तक : आज तो मैने संभाल ही लिया लेकिन कल क्या करूंगी.. । 6 लोगों का ग्रुप जब एक साथ परेशान करेगा तो एक अकेला इंसान क्या ही कर लेगा भला.. ?? " बोलते हुए उसके चेहरे पर फिक्र से लकीरें आ गई । " जय भोलेनाथ.. संभाल लेना... मुझे भी और उन लोगों को भी.. " बोलकर उसने हाथ जोड़े और कंबल ओढ़कर सो गई । अब आगे ; अगली सुबह : अंजली अलार्म बजने से पहले ही उठ गई थी और कमरे से लगी बालकनी में आकर टहल रही थी । हाथ में चाय का ग्लास पकड़े