बड़ी माँ - भाग 10

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10 मुन्ना द्वारा चैथी कक्षा पास करते ही राम आसरी वह मकान खाली करके किसी दूसरी जगह चले जाना चाहती थी। इसलिए उसने, जिस लाला से राशन का सामान लेती थी, उससे मकान मालिक को चिट्ठी लिखवाकर अपनी मंशा से अवगत करवा दिया था। टेलीफोन पर काफी समझाने-बुझाने के पश्चात् भी जब राम आसरी टॅस से मस नहीं हुई तो उन्होंने कहा कि जब वह मकान छोड़कर जाए तो चाबी पड़ोसियों के यहाँ सौंप जाए। काफी मशकत करने के बाद उसने चण्डीगढ़ के सैक्टर सात में एक कोठी की अनैक्सी में एक कमरा किराये पर लिया और मनीमाजरा का कमरा