48 चांदनी सुजाता की आँखों में आंसू है, “तुमने नहीं कहा था कि मुझे गायत्री पसंद नहीं, मैं तो अपना जिम खोलने के बाद, उसे तलाक देकर तुमसे शादी करूँगा।“ “यह झूठ बोल रही है,” वह चिल्लाया। गायत्री ने अपने हाथ से सगाई की अँगूठी उतारी और उसके मुँह पर मारते हुए कहा। “दफा हो जाओ, यहाँ से । तुम्हारी बिज़नेस डील फ्लॉप हो गई।“ विकास दोनों को घूरता हुआ, वहाँ से चला गया। सुजाता ने भी माफ़ी माँगते हुए, गायत्री के आगे हाथ जोड़े तो उसने, उससे भी मुँह फेर लिया। अब वह वही अकेले बैठकर रोने लगी।