44 बहन श्याम ने देखा कि कुसुम का मोटापा उसके पूरे बदन पर हावी है। “श्याम जी कॉलेज में किसी को पता नहीं चलना चाहिए कि हमारे बीच कुछ हुआ है, हम दोनों की नौकरी का सवाल है।“ “आप बेफिक्र हो जाए। मैं तो खुद कभी मरकर भी अपना मुँह नहीं खोलूँगा। यह सुनकर वह मुस्कुराने लगी और श्याम के गाल खींचते हुए बोली, “आप कितने अच्छे हैं,” अब उसने एक गिलास और व्हिस्की का पी लिया। इमरती मनोहर के घर में उसके बिस्तर पर उसकी बाहों में बैठी है, मनोहर उसके बालो में हाथ फेरता हुआ कहता