39 शोषण अब श्याम ने पूरी ताकत से नकुल को पीछे धकेला और सोफे से उतरकर, वह गुस्से में उसे घूरते हुए उस पर चिल्लाया, बस, बहुत हो गया? “मैं कह रहा हूँ न कि मुझे लड़कों में कोई दिलचस्पी नहीं है। तुम्हारे गे होने पर मुझे कोई एतराज नहीं तो फिर तुम्हें भी मेरी पसंद का लिहाज़ होना चाहिए। अब अगर मुझे हाथ लगाया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। उसने अब टेबल पर रखा फूलदान हाथ में उठा लिया। गुस्से से धधकती उसकी लाल आँखों को देखकर, नकुल पीछे हट गया। “ठीक है, सॉरी !!”!