रिश्तो की कश्मकश - 11

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अब आगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वहीं दूसरी तरफ संदीप बड़ी बेचैनी से अपने कमरे में इधर-उधर चक्कर लगा रहा था ।,,कभी संदीप दरवाजे की तरफ देखा, तो कभी घड़ी की तरफ संदीप दरवाजे की तरफ देखते हुए, बोला ओफ्फो बुआ आप कब तक आएंगी,,,, कितना समय हो गया ,,अब तक तो आपको आ जाना चाहिए था।,,,,,वही आर्यन जो अपना चेहरा दोनों हाथों पर रखकर बैठा हुआ,, संदीप को देख रहा था ,, आर्यन संदीप की बात सुनकर उठकर खड़ा हुआ,, और चलकर संदीप के पास आया और बोल भाई तेरे पैरों में इतनी ताकत है तु रेस में हिस्सा क्यों नहीं ले लेता।,,