द नाईट, ऑफ ब्रोकन ग्लासेज.. 1933 में नाजी सत्ता में आ गए। अब अपना एजेंडा लागू करना था...जो था एब्सोल्यूट पॉवर..शुद्ध जर्मन खून का देश, और वहां से यहूदियों का सफाया.. ●●और तुरत फुरत ही, यहूदी दुकानों, व्यापारियो, कर्मचारीयो के बायकॉट का आव्हान कर दिया गया। उनके दुकानों, होटलों, रेहड़ियों पर "जूड" लिखा जाने लगा। नाजी समर्थंक तो बरसो से इस दिन की प्रतीक्षा में थे, अभी आम जर्मन की रीढ़ सीधी थी। वे अड़ गए। अखबारों ने आलोचना की,रेडियो ने विरोध किया। पढ़े लिखे लोग जब मूर्खता का विरोध करते है, तो ऐसे प्रयास, फेल हो जाते है। ●●गोयबल्स