अब आगे, तनवी, सविता जी को अपने कमरे की तरफ ले जाने लगती हैं पर सविता जी तनवी के कमरे की दहलीज पर ही रुक जाती है क्योंकि तनवी जा व्यवहार तो सविता जी के साथ कुछ ज्यादा ही बुरा था और उस ने पहली बार जो उनके साथ किया था वो आज तक याद है, इसलिए उनकी तो हिम्मत ही नहीं हो रही थी कि वो तनवी के कमरे तक मे अंदर जा सके। जब तनवी देखती है कि सविता जी उस के कमरे की दहलीज पर ही खड़ी है तो वो अपने कमरे से उन से कहती है,