अब आगे, और रूही की सौतेली बहन रीना से इतने से कपड़ो को बस छत पर सुखाने मे ही मौत आ रही होती हैं। फिर वो उन कपड़ो को उठाते हुए अपने आप से ही गुस्से से कहती हैं, " एक बार उस बुढ़ाऊ (रूही के पिता अमर) को जाने दे रूही फिर मैने तुझे तेरी औकात नही दिखा दी ना तो....!" रीना ने इतना बोला ही था कि रूही के पिता अमर अपने घर की दहलीज पर ही खड़े होते हुए, रीना से कहते है, " अरे रीना, जल्दी से कपड़े सुखा दे नही तो धूप तेज हो जायेगी