गुलकंद पार्ट - 6 असली समस्या तब शुरू हुई जब बाऊजी नहीं रहे। उनकी उपस्थिति मात्र से सुचारू रूप से चलने वाले कितने ही काम अकस्मात रूक गये। काकाजी के यहाँ से सब्जी-अनाज आना बंद हो गया और उसके हिस्से का खेत शून्य में विलीन हो गया। अम्मा एकाएक अकेली हो गईं और उनकी देखभाल उसके जिम्मे आ गई। अंतर्मन में आदर्शवादिता जोर मार रही थी.. अम्मा के हर सपने को पूरा करने का समय आ गया था। उनको वह सबकुछ दे देने की चाहत थी जिसके लिये कभी भी उन्होंने समझौता किया रहा हो। पर कैसे? उनके लिए ज्यादा