पागल - भाग 55

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भाग–५५ उन्होंने पर्स में रखी एक लड़की की तस्वीर दिखाई। ये वंदना ही थी। और सच में उसकी शक्ल मुझसे काफी हद तक मिलती थी। हालाकि हम हमशक्ल नही थे । कुछ अंतर जरूर था मगर कुछ ज्यादा हद तक एक से थे। अब समझ आया था ट्रेन में अभिषेक का मेरे प्रति व्यवहार। "आपने इसे अपने पास रखा तो फिर मूव ऑन कैसे कर पाए?" "मां को देख के ,मुझे वंदना के पापा ने समझाया । कि उन्होंने तो अपनी बेटी खो दी है पर मुझे तो मेरी मां को उनका बेटा लौटा देना चाहिए। " अब मैं सबकुछ