अब आगे, जानवी ने कुछ देर तक आराध्या को अपने गले से लगाए रखा और फिर अपनी आंखो की नमी पहुंचते हुए आराध्या को उस गार्डन की बेंच पर बैठाते हुए कहती हैं, " अब क्या तुम पूरे दिन उस राघव की बातो पर रोते हुए निकल देगी...!" जानवी की बात सुन, आराध्या उस से मासूमियत के साथ कहती हैं, " चल उनकी बातो से उदास हो मेरी जूती ! और मुझे कोई फर्क नही पड़ता है उनकी बातो से और वो खुद को समझते क्या है, उनकी बाते सुन मै उदास होंगी और वो मुझे बार बार रिलेशनशिप मे