भाग 1 नुसरत मिठाई का डिब्बा लिए हुए के.पी. साहब के चैंबर के सामने पहुँची। अर्दली कुर्सी पर बैठा मोबाईल में व्यस्त था। नुसरत ने उससे पूछा, “साहब बैठे हैं क्या?” अर्दली ने एक दृष्टि मिठाई के डिब्बे और फिर उसके चेहरे पर डाल कर हल्की सी मुस्कुराहट के साथ पूछा, “हाँ बैठे हैं। मिलना है क्या?” नुसरत ने कहा, “हाँ, मुझे मिलना है।” अर्दली उठते हुए बोला, “एक मिनट रुकिए, पूछ कर बताता हूँ।” वह मिनट भर में अंदर से लौट कर बोला, “जाइए, साहब अच्छे मूड में हैं। देखिये सारी मिठाई उन्हीं को न खिला दीजियेगा।” फिर एक