बड़ी माँ - भाग 2

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2 शाम को देर से सोने के कारण अगली सुबह साहब जरा थोड़ी देर से उठे, इसलिए उन्होंने चाय के लिए रामू काका को नहीं बोला। नहाने-धोने से निवृत हुए तो आठ बज चुके थे। रामू काका सुबह से आदेश की प्रतीक्षा में बैठा था। आखिर उसने दरवाजे पर दस्तक दे ही दी। इससे पहले की वह कुछ आगे बोलता साहब ने उसकी नमस्ते का जवाब दिया और साथ ही उसे नाश्ता जल्दी लाने के लिए कह दिया। नाश्ता लेने के पश्चात् पति-पत्नी, दोनों रामू काका को कुछ कहकर नदी किनारे खड़े उन खंडहरों की ओर चल पडे़। मकानों के